सस्ती ज़िंदगी- सर्वजीत Sasti Jindagi - Poem in Hindi by Sarvajeet D Chandra

सस्ती ज़िंदगी- सर्वजीत

 

सस्ती सी ख़ुशी है अपनी 
है सस्ता सा अपना जीवन
सस्ती सी अपनी बेख़ुदी
सस्ता है अपना पागलपन


सस्ती है यह कविता

सस्ते से यह अल्फ़ाज़

सस्ते से अपने असरार

सस्ती सी रैना बेक़रार


 सस्ती सी है अपनी दुआ 

सस्ती सी एक मुराद

सस्ता ख़्वाबों का जहां

सस्ता है खुला आसमाँ


सस्ती सी है इंसानियत

सस्ते हैं अपने जज़्बात

सस्ती है सावन की साँझ

सस्ती सी है तुम्हारी आस


महँगा है यह महानगर

महँगी है इसकी दोस्ती

महँगी है इसकी इज़्ज़त

महँगी है हर इक साँस


महँगी चकाचौंध के एवज़ में

गिरवी सी है, सस्ती ज़िंदगी








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