मेरे सपने तुम फिर जागो- ड़ॉ दिनेश चंद्र Mere Sapne Tum Phir Jago Poem by Late Dr Dinesh Chandra






मेरे सपने तुम फिर जागो- ड़ॉ दिनेश चंद्र


मेरे सपने तुम फिर जागो
छू लो नभ को बढ़कर आगे
न होगा तेरा कोई अंत
आगे बढ़ तू बनकर अनंत
आशा बनकर तुम फिर जागो
मेरे सपने तुम फिर जागो


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